कश्मीर की जनता को साथ देने के लिए उपवास की शुरुवात , आज रात
कश्मीर की जनता को साथ देने के लिए उपवास की शुरुवात , आज रात
"कश्मीर के लाखो लाख स्त्री पुरुषों ( जिनमें बच्चे , बूढ़े जवान नागरिक शामिल हैं) के जेल जैसे जीवन उनके मानवाधिकार से हमारा सरोकार है। में आज रात से शुरू कर जे १२.११.२०१९ के दिन और रात तक उपवास पर रहूंगा। इस तरह , कश्मीर की जनता के साथ होने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रोटेस्ट का हिस्सा बनते हुए , मैं २४ घंटे के उपवास पर रहूंगा।
इस तरह सामूहिक सोलिदारिती / साझा करने के कार्यक्रम की घोषणा हमारे संगठन जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी ( ज स वा ) ने अपने १९ वें राष्ट्रीय परिषद (४-५ नवम्बर २००९, सेवाग्राम वर्धा बैठक से ) घोषित किया है।
पटना से वयोवृद्ध शिक्षक, श्री रामनरेश झा ने यह तरीका सुझाया । इस तरह की ही बात हमने मुंबई पहल के रूप में भी सुनी है।
इस तरह १०० दिनों से जेल में तब्दील कर दिए गए कश्मीर की जनता के प्रति अपनी एकजुट भूमिका लेंगे।
यहां इस तरह , हम पटना , राज्य या देश के नागरिक कष्ट सह कर, भारत देश भावना, और भारत में राष्ट्र निर्माण
व्यक्तिगत सत्याग्रह से शुरू कर के हम लोग कश्मीर के संदर्भ में अलग अलग संकल्पित हों।
सरकार से हम मांग करते हैं,
१. सभी राजनीतिक बंदियों और नागरिकों को रिहा करें। सभी अवेध डिटेंशन को खत्म कर , थाना , पुलिस , सेना के कस्टडी में रखे गए लोगों को रिहा करें।
२. संचार संपर्क के सभी माध्यम, सभी लैंड / मोबाइल फोन सेवा, सभी इंटरनेट कनेक्ट , को शीघ्र बहाल करें।
अखबार के संचार प्रसार को खोल दिया जाय।
३. सेना को नागरिक जीवन से वापस लीजिए।
४. जम्मू को पूर्ण अधिकार संपन्न विधान सभा और पूर्ण राज्य के दर्जे में वापस ले लिया जाए।
हम दो सप्ताह का समय लेते हैं, इसके बाद सड़कों पर उतरते हुए अपने प्रोटेस्ट / प्रतिरोध कार्यक्रम को सामूहिक रूप से मिल कर चलाएंगे।
सी ए प्रियदर्शी
"कश्मीर के लाखो लाख स्त्री पुरुषों ( जिनमें बच्चे , बूढ़े जवान नागरिक शामिल हैं) के जेल जैसे जीवन उनके मानवाधिकार से हमारा सरोकार है। में आज रात से शुरू कर जे १२.११.२०१९ के दिन और रात तक उपवास पर रहूंगा। इस तरह , कश्मीर की जनता के साथ होने के लिए राष्ट्रव्यापी प्रोटेस्ट का हिस्सा बनते हुए , मैं २४ घंटे के उपवास पर रहूंगा।
इस तरह सामूहिक सोलिदारिती / साझा करने के कार्यक्रम की घोषणा हमारे संगठन जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी ( ज स वा ) ने अपने १९ वें राष्ट्रीय परिषद (४-५ नवम्बर २००९, सेवाग्राम वर्धा बैठक से ) घोषित किया है।
पटना से वयोवृद्ध शिक्षक, श्री रामनरेश झा ने यह तरीका सुझाया । इस तरह की ही बात हमने मुंबई पहल के रूप में भी सुनी है।
इस तरह १०० दिनों से जेल में तब्दील कर दिए गए कश्मीर की जनता के प्रति अपनी एकजुट भूमिका लेंगे।
यहां इस तरह , हम पटना , राज्य या देश के नागरिक कष्ट सह कर, भारत देश भावना, और भारत में राष्ट्र निर्माण
व्यक्तिगत सत्याग्रह से शुरू कर के हम लोग कश्मीर के संदर्भ में अलग अलग संकल्पित हों।
सरकार से हम मांग करते हैं,
१. सभी राजनीतिक बंदियों और नागरिकों को रिहा करें। सभी अवेध डिटेंशन को खत्म कर , थाना , पुलिस , सेना के कस्टडी में रखे गए लोगों को रिहा करें।
२. संचार संपर्क के सभी माध्यम, सभी लैंड / मोबाइल फोन सेवा, सभी इंटरनेट कनेक्ट , को शीघ्र बहाल करें।
अखबार के संचार प्रसार को खोल दिया जाय।
३. सेना को नागरिक जीवन से वापस लीजिए।
४. जम्मू को पूर्ण अधिकार संपन्न विधान सभा और पूर्ण राज्य के दर्जे में वापस ले लिया जाए।
हम दो सप्ताह का समय लेते हैं, इसके बाद सड़कों पर उतरते हुए अपने प्रोटेस्ट / प्रतिरोध कार्यक्रम को सामूहिक रूप से मिल कर चलाएंगे।
सी ए प्रियदर्शी