Himanshu Kumar: क्या सरकार जनता के घर जला सकती है ?

पुलिस और सीआरपीएफ आदि संयुक्त सरकारी सुरक्षा बलों ने दंतेवाड़ा में मार्च २०११ में तीन गाँव में जाकर गाँव वालों के तीन सौ से ज़्यादा घरों को जला दिया था . पांच आदिवासी महिलाओं के साथ इन सुरक्षा बलों के सदस्यों ने बलात्कार भी किया था . और तीन गाँव वालों की हत्या भी कर दी थी . 

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने विधान सभा में कहा कि यह गाँव तो नक्सलियों ने जलाये हैं . 

जब हम लोगों ने शिकायत करी तो सर्वोच्च नयायालय ने सीबीआई से कहा कि वह जाकर जांच कर के आये . छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने सीबीआई की टीम को पीट कर भगा दिया . अभी कल इन गाँव के लोग अदालत में अपना बयान देने आये थे . 

गाँव वालों ने कहा कि हमारे इन तीनों गावों को पुलिस वालों ने जलाया था और हम उन पुलिस वालों को पहचानते हैं . 


क्या सरकार जनता के घर जला सकती है ?

क्या सरकार विधान सभा में झूठ बोल सकती है ?
सीबीआई की पिटाई पर सर्वोच्च न्यायालय चुप क्यों है ?
इस गाँव की कहानी सामने लाने वाले आदिवासी पत्रकार लिंगा कोडोपी को जेल में क्यों डाला हुआ है ?
भारत के संविधान में आदिवासियों की रक्षा के मामले में केन्द्र सरकार किसी भी राज्य में हस्तक्षेप कर सकती है .
क्या केन्द्र सरकार को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है ?

रमन सिंह की सरकार को भंग क्यों नहीं किया जा रहा ? विधान सभा में झूठा बयान देने वाले गृह मंत्री को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा ? जनता बड़ी है या सरकार बड़ी है .

जल्दी जवाब दो .
वख्त कम है .
हमारे धैर्य का इम्तेहान मत लो
.



See Video: Linga Kodopi exposes brutalities of Chhattisgarh state

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