Himanshu Kumar: इन लड़कियों को वापिस कर दीजिए रमन सिंह जी

इन लड़कियों को वापिस कर दीजिए रमन सिंह जी 

लड़कियों का नाम मडकम हूँगी और वेको बजारे . लड़कियों की उम्र हूँगी- १२ साल , बजारे की- २२ साल . गांव का नाम नेन्द्रा जिला सुकमा ( पुराना नाम जिला दंतेवाड़ा ) जब आपका गाँव खाली कराओ अभियान ( जिसे आपने सलवा जुडूम कहा और जिसे आपने शांती अभियान बता कर देश को गुमराह किया और बाद में जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया ) के तहत जब आपके निर्देश पर आदिवासियों के गाँव के गाँव जलाए जा रहे थे . तब एक गाँव नेन्द्रा को भी जला दिया गया था ! इस गाँव की चार लड़कियाँ भी गायब कर दी गयी थीं ! 

कर्तम जोगा ,नंदिनी सुन्दर और राम चन्द्र गुहा ने सर्वोच्च न्यायालय में सलवा जुडूम के खिलाफ याचिका दायर करी सजा के तौर पर कर्तम जोगा को थाने में उल्टा बाँध कर पीटा गया और वो अभी भी कांग्रेसी नेता के घर पर हमले के उसी आरोप में जेल में हैं और उसी केस में आपने सोनी सोरी और लिंगा कोडोपी को फर्जी तौर पर फंसाया है .

राम चन्द्र गुहा को भैरमगढ़ थाने में जान से मारने की कोशिश की गयी . नंदिनी सुन्दर का एक फर्जी फोटो तैयार किया गया जिसमे वह नक्सली केम्प में वर्दी पहन कर खड़ी है . नंदिनी ने जब आपके एसपी को इस फर्जी फोटो के विषय में चुनौती दी तो आपके एसपी ने लिखित माफी माँगी ( एस पी का माफी नामा आपको दिखा दिया जाएगा ) .

खैर सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल को दंतेवाड़ा भेजा ! काफी सारे आदिवासी अपनी बात् कहने के लिये इस दल के पास आये ! ऊपर लिखी लड़कियों के परिवारजन भी आये ! अपनी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल को बताने के बाद जब ये आदिवासी वापिस जा रहे थे तो नेन्द्रा गांव के इन आदिवासियों को कोंटा थाने की पुलिस और सलवा जुडूम के नेता सोयम मुक्का ( जो कि एक फरार अपराधी है जिसके वारंट मेरे पास हैं ) ने रोक लिया .

इन आदिवासियों को दिन भर पीट कर शाम को इनसे स्टाम्प पेपर पर “हमें सलवा जुडूम से कोई शिकायत नहीं “ लिख कर अंगूठे लगवा कर भगा दिया गया . मैं और नंदिनी सुंदर दिन भर आपके एसपी के सामने बैठे रहे लेकिन एसपी ने इन पिटते हुए आदिवासियों की कोई मदद नहीं की . बाद में अजीत जोगी ने डीजीपी विश्वरंजन को फोन पर कार्यवाही करने के लिये कहा . हमने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल से इन आदिवासियों की मदद करने के लिये कहा उन्होंने कहा “ हमारा काम तो इनके बयान लेने तक सीमित है इसके बाद पुलिस की जिम्मेदारी है “ .

खैर इन आदिवासियों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने मुंह खोलने की सजा के तौर पर पुलिस और सलवा जुडूम ने इनके गाँव को चार दिन बाद फिर जला दिया गया !

इस बार आदिवासियों पर हुए हमले को हमने चुनौती के रूप में लिया था . हमने इस गाँव को दोबारा बसाने का फ़ैसला किया . हमने एक मानव कवच दल का निर्माण किया और आपको बता दिया कि अब अगर आपने इन आदिवासियों को मारने की कोशिश की तो आपको पहले हमारी हत्या करनी होगी !आपका सलवा जुडूम और आपकी पुलिस हमारी ये हिम्मत देख कर हडबडा गयी .

आपको हमारी इस पहल का कोई जवाब नहीं सूझ रहा था ! हमने इस गाँव में रहना शुरू किया ! गाँव की चार लड़कियाँ गायब थीं ! गाँव वालों ने बताया कि चारों को सलवा जुडूम और पुलिस वाले उठा कर ले गये थे !हमने चुपचाप पता लगाया दो लड़कियाँ इंजरम सलवा जुडूम कैम्प में थीं ! एक तो कैम्प के नेता बोददु राजा के घर में थी !( बोड्दू राजा भी फरार आरोपी है और वर्तमान में सुकमा जिला पंचायत का उपाध्यक्ष है इसके भी वारंट मेरे पास हैं ) हमारी महिला कार्यकर्ताओं ने चुपचाप इन दो लड़कियों को इंजरम कैम्प में से निकाल कर वापिस उन के माँ बाप को सौंप दिया .

रमन सिंह जी बाकी की दो लडकियां कहाँ हैं ? इन में से एक वेको बजारे को आपके लोग उसके बूढ़े बाप के साथ पकड़ कर ले गये थे ! अगले दिन इंजरम कैम्प में बाप की गर्दन काट दी गयी . सबको दिखाने के लिये बाप की लाश को बीच में रख दिया गया . लेकिन बेटी का आज तक पता नही चला .लड़की का भाई मेरे पास आया . मैंने कहा चलो एस पी को लिखते हैं . एस पी ने कोई जवाब नहीं दिया . हम हाई कोर्ट में गये . इस बीच मुझे दंतेवाड़ा छोड़ देना पड़ा .

पुलिस मेरे दंतेवाड़ा छोड़ने के बाद इस लड़की के भाई को उठा कर हाई कोर्ट में ले गयी ! लड़की के भाई के वकील ने कहा मी लार्ड पुलिस तो आरोपी है और आरोपी खुद पीड़ित को पकड कर आपके सामने कैसे पेश कर सकते हैं ! यह दबाव में है इसे कम से कम एक दिन पुलिस के दबाव से अलग रखिये फिर इसका बयान लीजिए ! मैं इसका वकील हूं इसे जो कहना होगा मेरे मार्फत कहेगा . जज साहब ने कहा वकील साहब आप अगर इस तरह के मामलों में हाथ डालेंगे तो आपका कैरियर खराब हो जाएगा ( ये धमकी थी जो डायस पर बैठा एक जज न्याय की मदद करने वाले को दे रहा था वाह! ) लड़की के भाई का बयान तुरंत लिया गया उसने लिखित बयान पर अंगूठा लगाया जिसमे लिखा था कि “ हाँ ये सच है कि मेरी बहन का अपहरण हुआ , ये भी सच है की मेरे पिता की हत्या हुई . लेकिन मैं नहीं जानता कि ये किसने किया ?” 

जज साहब ने उसी वख्त पुलिस के खिलाफ ये मुकदमा खरिज कर दिया ! लड़की के भाई ने फोन पर मुझे ये सब बताया मैंने उससे पूछा जज के सामने झूठ क्यों बोला ? उसने कहा पिता जी रहे नहीं , माँ को मैं ही पालता हूं , पुलिस वालों ने कहा था कि अगर ये बयान नहीं दूंगा तो मुझे भी पिताजी की तरह काट कर सडक पर रख देंगे ! मैं डर गया था ! जहां पुलिस ने कहा मैंने जज के सामने अंगूठा लगा दिया . 

रमन सिंह जी दूसरी लड़की बारह साल की थी. उसकी खोज में भी हम छत्तीसगढ़ की हर जेल में गये . हर जिले के किशोर सुधार गृह में भी गये कि शायद उसे वहाँ रखा गया हो . इस लड़की को एक लड़के ने बाल सुधार गृह में देखा था ! हम इस लड़की के भाई को लेकर हर जिले में गये . पर पता नहीं पुलिस द्वारा लड़की कहाँ गायब कर दी गई है .

रमन सिंह जी आपको तो पता ही होगा ये लड़कियाँ कहाँ हैं ! दिलवा दीजिए प्लीज़ ! हम अपनी हार मानते हैं ! अब आपके बीच में नहीं आयेंगे ठाकुर साहब . इन आदिवासी लड़कियों को माफ कर दो .हमारी बेटियाँ वापिस दे दो ठाकुर साहब !

इन लड़कियों को वापिस कर दीजिए रमन सिंह जी 

लड़कियों का नाम मडकम हूँगी और वेको बजारे . लड़कियों की उम्र हूँगी- १२ साल , बजारे की- २२ साल . गांव का नाम नेन्द्रा जिला सुकमा ( पुराना नाम जिला दंतेवाड़ा ) जब आपका गाँव खाली कराओ अभियान ( जिसे आपने सलवा जुडूम कहा और जिसे आपने शांती अभियान बता कर देश को गुमराह किया और बाद में जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया ) के तहत जब आपके निर्देश पर आदिवासियों के गाँव के गाँव जलाए जा रहे थे . तब एक गाँव नेन्द्रा को भी जला दिया गया था ! इस गाँव की चार लड़कियाँ भी गायब कर दी गयी थीं ! 

कर्तम जोगा ,नंदिनी सुन्दर और राम चन्द्र गुहा ने सर्वोच्च न्यायालय में सलवा जुडूम के खिलाफ याचिका दायर करी सजा के तौर पर कर्तम जोगा को थाने में उल्टा बाँध कर पीटा गया और वो अभी भी कांग्रेसी नेता के घर पर हमले के उसी आरोप में जेल में हैं और उसी केस में आपने सोनी सोरी और लिंगा कोडोपी को फर्जी तौर पर फंसाया है .

राम चन्द्र गुहा को भैरमगढ़ थाने में जान से मारने की कोशिश की गयी . नंदिनी सुन्दर का एक फर्जी फोटो तैयार किया गया जिसमे वह नक्सली केम्प में वर्दी पहन कर खड़ी है . नंदिनी ने जब आपके एसपी को इस फर्जी फोटो के विषय में चुनौती दी तो आपके एसपी ने लिखित माफी माँगी ( एस पी का माफी नामा आपको दिखा दिया जाएगा ) .

खैर सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल को दंतेवाड़ा भेजा ! काफी सारे आदिवासी अपनी बात् कहने के लिये इस दल के पास आये ! ऊपर लिखी लड़कियों के परिवारजन भी आये ! अपनी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल को बताने के बाद जब ये आदिवासी वापिस जा रहे थे तो नेन्द्रा गांव के इन आदिवासियों को कोंटा थाने की पुलिस और सलवा जुडूम के नेता सोयम मुक्का ( जो कि एक फरार अपराधी है जिसके वारंट मेरे पास हैं ) ने रोक लिया .

इन आदिवासियों को दिन भर पीट कर शाम को इनसे स्टाम्प पेपर पर “हमें सलवा जुडूम से कोई शिकायत नहीं “ लिख कर अंगूठे लगवा कर भगा दिया गया . मैं और नंदिनी सुंदर दिन भर आपके एसपी के सामने बैठे रहे लेकिन एसपी ने इन पिटते हुए आदिवासियों की कोई मदद नहीं की . बाद में अजीत जोगी ने डीजीपी विश्वरंजन को फोन पर कार्यवाही करने के लिये कहा . हमने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल से इन आदिवासियों की मदद करने के लिये कहा उन्होंने कहा “ हमारा काम तो इनके बयान लेने तक सीमित है इसके बाद पुलिस की जिम्मेदारी है “ .

खैर इन आदिवासियों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने मुंह खोलने की सजा के तौर पर पुलिस और सलवा जुडूम ने इनके गाँव को चार दिन बाद फिर जला दिया गया !

इस बार आदिवासियों पर हुए हमले को हमने चुनौती के रूप में लिया था . हमने इस गाँव को दोबारा बसाने का फ़ैसला किया . हमने एक मानव कवच दल का निर्माण किया और आपको बता दिया कि अब अगर आपने इन आदिवासियों को मारने की कोशिश की तो आपको पहले हमारी हत्या करनी होगी !आपका सलवा जुडूम और आपकी पुलिस हमारी ये हिम्मत देख कर हडबडा गयी .

आपको हमारी इस पहल का कोई जवाब नहीं सूझ रहा था ! हमने इस गाँव में रहना शुरू किया ! गाँव की चार लड़कियाँ गायब थीं ! गाँव वालों ने बताया कि चारों को सलवा जुडूम और पुलिस वाले उठा कर ले गये थे !हमने चुपचाप पता लगाया दो लड़कियाँ इंजरम सलवा जुडूम कैम्प में थीं ! एक तो कैम्प के नेता बोददु राजा के घर में थी !( बोड्दू राजा भी फरार आरोपी है और वर्तमान में सुकमा जिला पंचायत का उपाध्यक्ष है इसके भी वारंट मेरे पास हैं ) हमारी महिला कार्यकर्ताओं ने चुपचाप इन दो लड़कियों को इंजरम कैम्प में से निकाल कर वापिस उन के माँ बाप को सौंप दिया .

रमन सिंह जी बाकी की दो लडकियां कहाँ हैं ? इन में से एक वेको बजारे को आपके लोग उसके बूढ़े बाप के साथ पकड़ कर ले गये थे ! अगले दिन इंजरम कैम्प में बाप की गर्दन काट दी गयी . सबको दिखाने के लिये बाप की लाश को बीच में रख दिया गया . लेकिन बेटी का आज तक पता नही चला .लड़की का भाई मेरे पास आया . मैंने कहा चलो एस पी को लिखते हैं . एस पी ने कोई जवाब नहीं दिया . हम हाई कोर्ट में गये . इस बीच मुझे दंतेवाड़ा छोड़ देना पड़ा .

पुलिस मेरे दंतेवाड़ा छोड़ने के बाद इस लड़की के भाई को उठा कर हाई कोर्ट में ले गयी ! लड़की के भाई के वकील ने कहा मी लार्ड पुलिस तो आरोपी है और आरोपी खुद पीड़ित को पकड कर आपके सामने कैसे पेश कर सकते हैं ! यह दबाव में है इसे कम से कम एक दिन पुलिस के दबाव से अलग रखिये फिर इसका बयान लीजिए ! मैं इसका वकील हूं इसे जो कहना होगा मेरे मार्फत कहेगा . जज साहब ने कहा वकील साहब आप अगर इस तरह के मामलों में हाथ डालेंगे तो आपका कैरियर खराब हो जाएगा ( ये धमकी थी जो डायस पर बैठा एक जज न्याय की मदद करने वाले को दे रहा था वाह! ) लड़की के भाई का बयान तुरंत लिया गया उसने लिखित बयान पर अंगूठा लगाया जिसमे लिखा था कि “ हाँ ये सच है कि मेरी बहन का अपहरण हुआ , ये भी सच है की मेरे पिता की हत्या हुई . लेकिन मैं नहीं जानता कि ये किसने किया ?” 

जज साहब ने उसी वख्त पुलिस के खिलाफ ये मुकदमा खरिज कर दिया ! लड़की के भाई ने फोन पर मुझे ये सब बताया मैंने उससे पूछा जज के सामने झूठ क्यों बोला ? उसने कहा पिता जी रहे नहीं , माँ को मैं ही पालता हूं , पुलिस वालों ने कहा था कि अगर ये बयान नहीं दूंगा तो मुझे भी पिताजी की तरह काट कर सडक पर रख देंगे ! मैं डर गया था ! जहां पुलिस ने कहा मैंने जज के सामने अंगूठा लगा दिया . 

रमन सिंह जी दूसरी लड़की बारह साल की थी. उसकी खोज में भी हम छत्तीसगढ़ की हर जेल में गये . हर जिले के किशोर सुधार गृह में भी गये कि शायद उसे वहाँ रखा गया हो . इस लड़की को एक लड़के ने बाल सुधार गृह में देखा था ! हम इस लड़की के भाई को लेकर हर जिले में गये . पर पता नहीं पुलिस द्वारा लड़की कहाँ गायब कर दी गई है .

रमन सिंह जी आपको तो पता ही होगा ये लड़कियाँ कहाँ हैं ! दिलवा दीजिए प्लीज़ ! हम अपनी हार मानते हैं ! अब आपके बीच में नहीं आयेंगे ठाकुर साहब . इन आदिवासी लड़कियों को माफ कर दो .हमारी बेटियाँ वापिस दे दो ठाकुर साहब !

http://dantewadavani.blogspot.in/2012/03/blog-post_3130.html

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