कश्मीर में अब भी जारी है पंडितों की अनदेखी // A Hunger Strike for Kashmiri Pandits the Media Ignores
तीस साल पहले पलायन के वक्त घाटी में ही रह गए कश्मीरी पंडितों के करीब 800 परिवारों का कहना है कि धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद भी उनके हालात में कोई बदलाव नहीं आया और स्थानीय प्रशासन द्वारा उनकी प्रताड़ना जारी है. ये पंडित परिवार रोजगार और मासिक वित्तीय सहायता समेत अपनी मांगों को लेकर श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू पिछली 20 सितंबर से आमरण भूख हड़ताल पर बैठे हैं. Kashmiri Pandit Sangarash Samiti Fast-unto-Death enters day 7 श्रीनगर के हब्बा कदल स्थित गणेश मंदिर में उपवास पर बैठे संजय टिक्कू कहते हैं कि बयानबाजी करना और आंसू बहाना तो सबको आता है लेकिन घाटी में रह गए कश्मीरी पंडितों की असल में अब तक किसी सरकार ने नहीं सुनी. इन पंडित परिवारों ने राज्य की आपदा प्रबंधन और राहत-पुनर्वास कमेटी पर आरोप लगाया है कि वह इनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति का कहना है कि ऐसा लगता है जैसे राहत-पुनर्वास कमेटी के लिए संसदीय समिति की सिफारिशें, हाइकोर्ट के आदेश और के