Himanshu Kumar: दंतेवाड़ा के मद्पाल गाँव में सरकारी जनसंहार ?
कई दिन से खबर आ रही थी कि दंतेवाड़ा के पास मद्पाल गाँव में बैठे हुए दो निर्दोष गाँव वालों की पुलिस ने बिना किसी उकसावे के हत्या कर दी है . और एक आदिवासी बुरी तरह घायल होकर अस्पताल में पड़ा है .
इस मामले में स्थानीय कांग्रेस कमेटी ने भी इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करी है .
आदिवासियों को इसलिये मारा जाता है ताकि बाकी गाँव वाले डर कर गाँव छोड़ कर भाग जाएँ . और उस इलाके में खनन माफिया का विरोध करने वाला कोई ना बचे .
इस तरह के सरकारी जनसंहार को भारत के बहुत से शहरी विकास के लिये ज़रूरी तरीका मानते हैं जैसे अमेरिका में नेटिव अमरीकी आदिवासियों को जब गोरे मार रहे थे तब बाकी के गोरे उस जन संहार को विकास के लिये ज़रूरी मानते थे .
लेकिन यह एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के खिलाफ एक युद्ध है . जो एक भूभाग के भीतर ही लड़ा जा रहा है . इस युद्ध में ताकतवर समुदाय सरकार और पुलिस का इस्तेमाल दूसरे समुदाय के सफाए के लिये इस्तेमाल कर रहा है .
और आप चाहते हैं कि हम मान लें कि आप देश की रक्षा कर रहे हैं ?
इस मामले में स्थानीय कांग्रेस कमेटी ने भी इस मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करी है .
आदिवासियों को इसलिये मारा जाता है ताकि बाकी गाँव वाले डर कर गाँव छोड़ कर भाग जाएँ . और उस इलाके में खनन माफिया का विरोध करने वाला कोई ना बचे .
इस तरह के सरकारी जनसंहार को भारत के बहुत से शहरी विकास के लिये ज़रूरी तरीका मानते हैं जैसे अमेरिका में नेटिव अमरीकी आदिवासियों को जब गोरे मार रहे थे तब बाकी के गोरे उस जन संहार को विकास के लिये ज़रूरी मानते थे .
लेकिन यह एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के खिलाफ एक युद्ध है . जो एक भूभाग के भीतर ही लड़ा जा रहा है . इस युद्ध में ताकतवर समुदाय सरकार और पुलिस का इस्तेमाल दूसरे समुदाय के सफाए के लिये इस्तेमाल कर रहा है .
और आप चाहते हैं कि हम मान लें कि आप देश की रक्षा कर रहे हैं ?