Sixth Ayodhya film festival - 6ठां अयोध्या फिल्म महोत्सव 19 दिसबंर से - फिल्में आमंत्रित



छह दिसम्बर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के 20 साल पूरे हो रहे हैं। लोगों के जेहन में बाबरी मस्जिद विध्वंस का मंजर अभी भी जिंदा है। उनके घाव अभी भरे भी नहीं थे कि सूबे में एक बार फिर साम्प्रदायिक ताकतें सिर उठाने लगी हैं, जिसका नजारा पिछले दिनों देखने को मिला। फैजाबाद और उसके आस-पास के गावों में जहरीली फुँफकार ने जो कहर बरपाया, उससे सदियों से चली आ रही गंगा-जमुनी तहजीब एक बार फिर शर्मसार हुई। राजनीति के अलम्बरदारों ने अयोध्या के नाम पर सारे देश में खूब सियासत की ऩफरत का कारोबार किया लेकिन उसकी बदहाली पर कभी मरहम नहीं लगाया। ऐसे माहौल में गंगा जमुनी तहजीब के ‘साझी शहादत-साझी विरासत’ वाले शहर अयोध्या-फैजाबाद में 6ठा अयोध्या फिल्म महोत्सव आयोजित हो रहा है। अशफाक-बिस्मिल शहादत दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में जनसरोकारों से जुड़ी मशहूर हस्तियाँ शिरकत करेंगी। सृजनात्मक कलाओं के इस महाकुम्भ में आप सभी का स्वागत है।

महोत्सव के संयोजक शाह आलम ने कहा कि आज़ादी के 65 साल बाद भी देश के सामने महँगाई, बेरोजगारी और भुखमरी का डंक और नुकीला हो रहा है। हम घोटाले दर घोटाले की खबरें सुनने के आदी हो गए हैं। आम आदमी क़र्ज़ की बोझ को ढो रहा है और अंत में छटपटाकर दम दोड़ दे रहा है। विरोध के स्वर कुंद पड़ चुके हैं। हर तरफ अँधेरा है। जनसरोकारों की बात करने वालों को सत्ता के कोप का शिकार होना पड़ रहा है। एक दशक से इरोम शर्मिला भूख हड़ताल पर है पर सत्ता मजे से चैन की नीन्द सो रही है। मुल्ताई में दो दर्जन किसानों की गोली मारकर हत्या कर देने वाला अफसर तरक्की पा रहा है और किसानों के हक की बीत करना वाले डॉ सुनीलम उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं।

जल, जंगल जमीन पर कॉर्पोरेट घराने सरकार की मदद से कब्जे कर रहे हैं और आदिवासियों की आवाज़ उठाने वाली दयामनी बारला जेल में है। ताउम्र इस देश के संविधान की तौहीन करने वाले एक फसीवादी की राजकीय सम्मान के साथ अन्त्येष्टि हो रही है और मीडिया ने जनता के इन सवालों से दूरी बना ली है। मीडिया में आम आदमी का दर्द और उसकी सास्याएँ सिरे से गायब हैं। शाह आलम ने तमाम इन्सानियत पसन्द, लोगों से आव्हान किया है-आइए जुड़वाँ शहर अयोध्या और फैजाबाद के बीचों-बीच होने वाले इस आयोजन का हिस्सा बनें। इस बार हम साथी धीरेन्द्र प्रताप सिंह और प्रो. बनवारी लाल शर्मा को याद करते हुए अशफाक -बिस्मिल सभागार में आपको आमंत्रित करते हैं

Ayodhya Film Society Core Committee:  Ashok Sirivastava Advocate, Dr.Anil Singh, Jalal Siddiqi, Scharada Dubey,Dr. Rupesh Singh, Shah Alam, Afaq, Amarnath Verma, Ghufran Siddiqui, Abhishek Sharma, Sajjad Kargili, Anil Varma, Naushad Ahamad, Arvind Murti, Shariq Naqvi, Vineet Maurya, Gufran Khan,Hema Khatri,Mohd. Tufail and Rajesh

DIRECTORATE OF FILM FESTIVALS
320, SARYU KUNJ DURAHI KUWA
AYODHYA-224123 (UP)

 +91 9454909664 / +91 9389036966 /  +91 9335160542
http://www.ayodhyafilmfestival.tk/

Popular posts from this blog

Third degree torture used on Maruti workers: Rights body

Haruki Murakami: On seeing the 100% perfect girl one beautiful April morning

The Almond Trees by Albert Camus (1940)

Satyagraha - An answer to modern nihilism

Rudyard Kipling: critical essay by George Orwell (1942)

Three Versions of Judas: Jorge Luis Borges

Goodbye Sadiq al-Azm, lone Syrian Marxist against the Assad regime